आज से ठीक तीन दिन बाद उत्तराखंड में वोटिंग होनी है। मसूरी विधानसभा क्षेत्र में बी जे पी और कांग्रेस में भारी घमासान छिड़ा है। पिछली दो विधानसभा चुनावों में लगातार अपनी जीत का अंतर बढ़ाते बी जे पी के गणेश जोशी एक बार फिर पार्टी के उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस ने पिछली बार की उम्मीदवार गोदावरी थापली पर फिर भरोसा जताया है। दोनों पार्टियों की ओर से प्रचार में कहीं भी कमी नजर नहीं आ रही है। अपने अपने पक्ष में तमाम तर्क दिए जा रहे हैं। एक ओर गणेश जोशी अपने द्वारा कराए गए विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो दूसरी तरफ गोदावरी थापली उनसे विकास कार्यों की लिस्ट मांग रही है। वर्तमान चुनाव में कुल 131816 वोटर मसूरी विधानसभा में हैं।पिछले चुनाव 2017 में क्षेत्र में कुल 57.50% वोटिंग हुयी थी जिसमें कुल 74978 वोट में जोशी को 41322 और गोदावरी को 29245 वोट मिले थे और जोशी 12077 वोट से विजयी हुए थे जबकि इससे पहले 2012 के चुनाव में कुल वोटिंग प्रतिशत 61.40% था और कुल पड़े 63093 वोट में जोशी 28097 वोट पाकर कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला को 9776 वोट से पराजित कर चुने गए थे जिन्हें 18321 वोट मिले थे। अगर इन दोनों चुनावों का विश्लेषण किया जाए तो गणेश जोशी ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत की है। गणेश जोशी का कहना है कि वो पूरे क्षेत्र में लगातार चौबीस घंटे जनता की मदद के लिए मौजूद रहते हैं।कोरोना काल में वो हर पल जनता के कष्टों में मदद के लिए खड़े रहे। विकास कार्यों के नाम पर यमुना अगलवाड़ मसूरी जल परियोजना, मसूरी में सीवर लाइन बिछवाना, माल रोड पर बिजली की लाइनों को भूमिगत करना, भिलाडू स्टेडियम की स्वीकृति,देहरादून मसूरी मार्ग को चौड़ा करवाना, मसूरी में आक्सिजन प्लांट लगवाना,पार्किंग का निर्माण, टाउन हाल ऑडिटोरियम का निर्माण, जगह जगह कम्यूनिटी हाल बनवाना, गढ़वाल सभा भवन के लिए विधायक निधि से धन स्वीकृत करना और सभा भवन निर्माण के लिए सरकार से डेढ़ करोड़ रुपये स्वीकृत करवाना, देहरादून में सैन्य धाम बनवाना जैसे अनगिनत काम हैं जिन्हें उनके कार्यकाल में कराया गया है। उन्होंने कांग्रेस के इन दावों पर कि ज्यादातर काम उनकी सरकार द्वारा स्वीकृत किये गए थे गणेश जोशी ने मुसकुराते हुए कहा कि जनता ने कांग्रेस को इसी लिए नकारा है कि उनका बस चले तो वो ये भी कह देंगे कि सेना में वन रैंक वन पेंशन योजना भी कांग्रेस ने शुरू की थी, तीन तलाक़ के खिलाफ़ क़ानून भी उन्ही की देन है,कश्मीर में धारा 370 भी उन्होंने ही हटाई थी और अयोध्या में राम मंदिर भी कांग्रेस ने ही स्वीकृत किया था। कांग्रेस के लोग साढ़े चार साल सोये रहते हैं और ऐन चुनाव के वक्त उनकी नींद खुलती है और तब वो सिर्फ और सिर्फ आरोप लगाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना से बेहाल थी तो भारत सरकार कोरोना के टीके बनवाने में जुटी थी और देश के लाखों लोगों की जान बचाने के साथ विदेशों को भी वैक्सीन सप्लाई कर रही थी। ये लोग तब भी सरकार पर आरोप लगाते फिरते थे और वैक्सीन को बी जे पी वैक्सीन नाम देकर इसकी खुराक लेने से इनकार करते थे मगर बाद में चुपके से वैक्सीन लगवा रहे थे। क्षेत्र की जनता बहुत समझदार है और जानती है कि कौन उनका सच्चा सेवक है और वो नकली चुनावी सेवकों को सबक सिखाने के लिए तैयार है जिसका पता 10 मार्च को सभी को चल जाएगा।
जहां तक चुनाव प्रबंधन की बात है बी जे पी इसमें अव्वल दिखती है। कांग्रेसी उम्मीदवार गोदावरी थापली ने भी प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है। वो घर घर प्रचार का काम भी कर रही हैं और गणेश जोशी के विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड मांग रही हैं मगर उनका टीम मेनेजमेंट जोशी के टीम मेनेजमेंट से काफी पीछे दिख रहा है और वो क्षेत्र विशेषों पर ही ज्यादा ध्यान दे रही हैं। जहां तक मसूरी का मामला है तो मसूरी में कांग्रेस के दोनों धडे उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व अध्यक्ष मनमोहन मल्ल जरूर उन्हें ताकत दे रहे हैं साथ ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव अग्रवाल और दूसरे खेमे से मेघ सिंह कंडारी की टीम उनके साथ जुटी है। मसूरी पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता भी उनको मदद कर रहे हैं। नगर पालिका सभासदों की टीम प्रताप पँवार,दर्शन रावत,जसबीर कौर,आरती अग्रवाल भी कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में हैं। बेरोजगारी, गैस सिलिन्डर के बढ़े दाम, चार धाम चार काम के नारे के साथ चल रही कांग्रेस अब इस मुकाबले में कितना लंबा सफर तय करेगी यह परिणामों पर पता चलेगा मगर इतना सच है कि गोदावरी थापली बड़ी मजबूती के साथ यह चुनाव लड़ रही हैं और अपनी जीत का दावा भी कर रही हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रेमकिशन ( श्याम वोहरा ) और निर्दलीय प्रत्याशी मनीष गौनियाल भी अपने अपने नाम और काम के वादों के साथ अपनी जीत का दावा कर रहे हैं मनीष ,गणेश को तो श्याम, गोदावरी को नुकसान पहुँचा रहे हैं।बहरहाल असलियत यही है कि इस क्षेत्र में गणेश जोशी खुद के काम और मोदी के नाम पर लीड पर हैं मगर गोदावरी थापली उन्हें कड़ी टक्कर देती नजर आ रही हैं और यही दोनों ही मुख्य मुकाबले में हैं।