उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। चुनावी रणनीतिकारों का खेल अपनी चरम गति पर है और साम दाम दंड भेद येन केन प्रकारेण प्रदेश की सत्ता पर कब्जा करने के लिए खूब दौड़ भाग हो रही है। पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में आज पहले चरण की वोटिंग शुरू हो चुकी है। दल बदल के बाद छल छद्म की राजनीति भी चरम पर है। रोजगार,महंगाई,स्वास्थ्य,शिक्षा और सैनिकों, किसानों की चिंता में मरे जा रहे राजनीतिक दल अब बी जे पी के बनाए जाल में उलझ चुके हैं। उत्तरप्रदेश के इन चुनावों में भी पिछले चुनावों की तरह जिस प्रकार का माहौल बन रहा है उसका रंग अब उत्तराखंड की राजनीति पर भी चढ़ता दिख रहा है।राज्य के तमाम बड़े बड़े मुद्दे अब तेजी से नेपथ्य में जा रहे हैं और राजनीतिक माहौल बदलता सा नजर आ रहा है। मोदी का कांग्रेस के प्रति कठोर रवैया भी इसमें प्रदेश बी जे पी को बड़ी मदद करता दिख रहा है। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का उत्तराखंडी मूल का होने के कारण यहाँ के लोगों में उनके प्रति बहुत बड़ा समर्थन देखा जाता है, यहाँ तक कि कांग्रेसी हो या भाजपायी उत्तराखंड के अधिकांश लोग मोदी के बाद योगी को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और यही एक वजह भी है कि वर्तमान चुनावों में मोदी के साथ योगी का नाम उत्तराखंड में भी बी जे पी के बड़े काम आ सकता है।