मसूरी .. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ने के माहौल के बावजूद आगामी 14 फरवरी को होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के चुनावों की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जोर शोर से जूटे हुए हैं। टिकट वितरण में टिकट के आकांक्षी लोग अपने अपने जुगाड़ में लगे हुए बेचैन से नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड में पहली बार चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा में बाजी मार चुकी है जिसने 24विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है मगर राज्य की दोनों राष्ट्रीय पार्टियों का नेतृत्व टिकट वितरण की घोषणा के बाद पैदा होने वाली परिस्थितियों से आशंकित रहने के कारण टिकट वितरण में पूरी तरह सावधानियाँ बरत रही हैं क्योंकि इस छोटे से प्रदेश में ज्यादातर सीट पर जीत हार का अंतर कम ही रहने के कारण वोटों में थोड़ा सा भी उलटफेर सारे समीकरण बदल सकता है। बीजेपी अपनी सबसे बड़ी ताक़त मोदी मैजिक के साथ ही युवा सी एम पुष्कर सिंह धामी की अच्छी छवि को आगे कर चुनावी रणक्षेत्र में अबकी बार 60 पार के नारे के साथ पूरे आत्मविश्वास के साथ मैदान में है तो दूसरी ओर उम्रदराज अनुभवी नेता हरीश रावत के सहारे कांग्रेस ताल ठोक रही है और कर्नल अजय कोठियाल को सी एम उम्मीदवार घोषित करने के बाद आम आदमी पार्टी भी पहली बार प्रदेश में अपनी दमदार ताकत दिखने को उतावली है। मगर अफसोस और आश्चर्य का विषय है कि पृथक उत्तराखंड राज्य के लिए सबसे बड़ा संघर्ष करने वाली पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल फिलहाल दमदार चुनाव लड़ती नजर नहीं आ रही है और यही हाल बसपा और सपा का है। दोनों राष्ट्रीय पार्टियों में एक दूसरे के खेमों में सेंध लगाने का खेल जारी है। उधर आप में भी कुछ लोग ऐन चुनाव के मौके पर पार्टी छोड़ चुके हैं। रोज आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। ये बड़े आश्चर्य का विषय है कि सभी दल खुद की ईमानदारी के बजाय दूसरों को ज्यादा बेईमान सिद्ध करने के चक्कर में पड़े हैं। कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण चुनाव आयोग ने भी राजनीतिक रैलियों पर फिलहाल प्रतिबंध लगा दिया है। वर्तमान स्थिति में वर्चुअल प्रचार में बी जे पी काफी आगे है। कांग्रेस तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा जैसे वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित कर चुकी है तो आप भी इस मामले में कहीं पीछे नहीं दिखती। सोशल मीडिया पर उसके वीडियो लगातार प्रसारित हो रहे हैं। बी जे पी अपने कैडर वोट के दम पर फिलहाल निश्चिंत सी नजर आ रही है तो कांग्रेस सरकार की असफलताओं को गिनाकर और प्रदेश में हरीश रावत की लोकप्रियता के सहारे चल रही है और आप ने भी फ्री बिजली,रोजगार गारंटी,महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार देने व पूर्व सैनिकों और अर्धसैनिकों को रिटायरमेंट के बाद सरकारी नौकरी तथा शहीदों को एक करोड़ देने के वादे के सहारे सरकार बनाने का दावा किया है। अब देखना है कि टिकट वितरण के बाद प्रदेश के राजनीतिक दलों और उनके नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच क्या और कैसा रिश्ता बना रहता है? फिलहाल प्रदेश की राजनीति और प्रदेश का भविष्य एक नये मोड़ पर खड़ा है।