नशे में डूबती युवा पीढ़ी… कैसे चढ़ेंगे जीवन की सीढ़ी… लड़कियां भी हो रहीं इसका शिकार । खूब फल फूल रहा नशे का कारोबार…

                                                                                                                                                            

मसूरी.   जहां  एक ओर सरकार तमाम सरकारी और गैरसरकारी  माध्यमों से नशे के खिलाफ प्रचार प्रसार  में  करोड़ों रुपये खर्च करती रहती हैं वहीं दूसरी ओर वर्तमान में युवा पीढ़ी के बीच नशे का प्रचलन दिन दूनी गति से बढ़ रहा है। बड़े तो बड़े छोटे छोटे अवयस्क स्कूली बच्चे भी इस खतरनाक जहर की जद में आ  चुके हैं। क्या अमीर क्या गरीब, इस मसले में कहीं कोई फर्क  नहीं है। मुख्य बाजारों में दवा  की दुकानों के साथ साथ अब छोटी छोटी दुकानों में भी ऐसे युवा पेपर नाम के नशे का साधन खोजते मिल जाते हैं। उत्तराखंड के देहरादून में फैले कई पी जी हॉस्टल में रहने वाले  सुदूर क्षेत्रों से उच्च शिक्षा ग्रहण करने आए युवक युवतियों की अपने हॉस्टल के आसपास देर शाम के बाद हरकतें ये बयां करने के लिए काफी हैं कि अब लड़कियां  भी इस मामले में कहीं पीछे नहीं हैं।मसूरी की माल रोड पर खुले आम सिगरेट का धुआँ उड़ाती कमसिन युवतियाँ अक्सर नजर आती रहती हैं। बड़े शहरों के साथ अब तो छोटे कस्बों में भी हुक्का बार जैसे अड्डे युवाओं और अवयस्कों के पक्के ठिकाने बन चुके हैं जो उनमें जीवन के लिए खतरनाक बन चुकी इस नशे की लत को बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं हैं और सच तो ये है कि इनके खुलने के पीछे सिर्फ नशे के कारोबारी लोग ही हैं जो अपने मुनाफे के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं और युवा पीढ़ी उनका सबसे आसान शिकार बन रही हैं।अब सवाल यही है कि यदि नशे के इस कारोबार पर सरकारों द्वारा ज्यादा सख्ती नहीं बरती गई तो आने वाली पीढ़ियाँ किन हालातों में होंगी इसकी कल्पना की जा सकती है।

 

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