आज देश में तीन संसदीय और सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणामों की घोषणा के बाद बी जे पी ने अपनी ताकत बरकरार रहने का संदेश दे दिया है। पार्टी ने उत्तरप्रदेश की दो महत्वपूर्ण आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीट पर सपा को जोर का झटका देने में कामयाबी हासिल कर ली है। पार्टी ने त्रिपुरा में चार में से तीन सीट जीत कर अपना दबदबा कायम रखा है शेष एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली । आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की खाली की हुयी संगरूर सीट अकाली दल (अमृतसर) के हाथों जरूर गवां दी मगर दिल्ली की महत्वपूर्ण राजेन्द्रनगर सीट पर अपना कब्जा बरकरार रख कर तमाम विरोधियों को खामोश कर दिया है। आंध्र प्रदेश में सतारूढ़ YSRC उम्मीदवार ने अपने सभी विरोधी उम्मीदवारों की जमानत जब्त करवा दी। झारखंड मे काँग्रेस ने भी अपनी माँदर सीट पर कब्जा बरकरार रखा है। उत्तर प्रदेश में संसदीय सीटों आजमगढ़ और रामपुर सीट पर जिस प्रकार से वोटिंग में भारी कमी आई वह दोनों पार्टियों के लिए चिंता का विषय जरूर होना चाहिए। जहां आजमगढ़ में 2019 चुनावों से 8.68% कम वोटिंग हुई तो वहीं रामपुर में भी 22.16% कम मतदान हुआ, इसके साथ ही पंजाब के सी एम भगवंत मान की खाली की हुयी संगरूर सीट पर भी केवल 45.3% मतदान हुआ जो कि 2019 के चुनाव से 27.14% कम है। संसदीय सीटों पर हुआ कम मतदान आम जनता की इन चुनावों के प्रति उदासीनता व निराशा का साफ साफ संकेत है। राजनीतिक दलों को चाहिए कि जनता की निराशा के संदेश को समझने का प्रयास करें। सरकारें भले ही अंकगणित के आधार पर बनती हैं मगर देश तो केमिस्ट्री के आधार पर ही चलेगा।