एक ओर जहाँ देश भर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी आ रही है और आज इनकी संख्या पूरे देश में 85 हजार से ज्यादा पार कर चुकी है. वहीं लॉक डाउन-3 के बाद देश में ओडिसा,झारखंड, बिहार,असम और महाराष्ट्र सहित कुछ सरकारें अभी भी पूर्ण लॉक डाउन बढ़ाने के मूड में दिखती हैं,बिहार के सी एम नीतीश कुमार तो पहले ही इसकी घोषणा भी कर चुके हैं कि बिहार में 31 मई तक लॉक डाउन बढ़ाया जाएगा.मिजोरम भी यही निर्णय ले चुका है. महाराष्ट्र के सी एम उद्धव ठाकरे भी लॉक डाउन को 31 मई तक बढ़ाने की मांग कर चुके हैं.इसके उलट छत्तीसगढ़,केरल और कर्नाटक के सी एम घरेलू विमान सेवाएं,होटल और रेस्टॉरेंट को खोलने की अनुमति चाहते हैं. फिलहाल अलग अलग राज्य अपने अपने राज्यों में रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन तय करने की मांग केंद्र सरकार से कर चुके हैं और संभवतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र को सम्बोधन में ये संकेत दे देने कि अगला लॉक डाउन नए रंग रूप में होगा ये उम्मीद की जा रही है कि राज्यों की इस मांग पर केंद्र सरकार कुछ शर्तों के साथ अनुमति दे सकती है.संभवतः रेड जोन तय करने का अधिकार केंद्र और ऑरेंज, ग्रीन जोन तय करने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया जा सकता है और इन क्षेत्रों में छूट देने का निर्णय भी राज्य सरकारों को मिल सकता है. साथ ही वर्तमान में रेडजोन घोषित क्षेत्रों में भी कुछ आर्थिक गतिविधियों की छूट दी जा सकती है,मसलन सीमित मात्रा में बस,ऑटो चलाने ,नाई,चश्मों की दुकान खोलने और ई कॉमर्स से जुड़ी गैर जरूरी सामानों की आपूर्ति सेवाओं की अनुमति दी जा सकती है.
मगर स्कूल,माल्स,सिनेमाघर और होटल खोलने की अनुमति देना फ़िलहाल संभव नहीं दिखता. दिल्ली में मेट्रो रेल फिर से चलाने की अरविन्द केजरीवाल की मांग पर भी शायद केंद्र कुछ शर्तों के साथ सहमति दे सकती है.केरल और दिल्ली सरकारों की मेट्रो सेवाएं शुरू करने की की गयी मांग पर संभवतः कोई सकारात्मक निर्णय लिया जा सकता है मगर दिल्ली में वर्तमान स्थिति में मेट्रो का चलाना एक मुश्किल भरा निर्णय हो सकता है. केंद्र सरकार के सामने विचित्र दुविधापूर्ण स्थितियां हैं,एक ओर कुछ राज्य होटल,रेस्टोरेंट, स्पा और ट्रेन चलाने की मांग कर रहे हैं तो छत्तीसगढ़,बिहार जैसे राज्य संक्रमण फैलने की आशंकाओं के कारण सामान्य ट्रेन चलवाने का बड़ा विरोध कर रहे हैं.कुछ राज्य तो अंतर्राज्यीय परिवहन की अनुमति नहीं देने की भी मांग कर रहे हैं.फिलहाल केंद्र सरकार सभी राज्यों की सलाह के आधार पर ही जरूरी फैसले लेने की तैयारी में है.
लब्बोलुआब यही लगता है कि ग्रीन जोन में पूर्ण रूप में तथा ऑरेंज जोन में थोड़ी पाबंदियों के साथ सामान्य गतिविधियां जारी हो सकती हैँ,रेड जोन में केवल कन्टेनमेंट क्षेत्रों में पूर्णतया प्रतिबंध जारी रहेंगे बाकी में कुछ गतिविधियों की अनुमति मिल सकती है.श्रमिक रेल जारी रहेंगी.कुछ बड़े बदले नियमों के साथ घरेलू विमान सेवाएं और ट्रेन भी जल्दी शुरू की जा सकती हैँ. मगर सोशल डिस्टन्सिंग का नियम सख्ती से लागू किया जा सकता है साथ ही मास्क लोगों की दैनिक जीवनचर्या में कानूनन आवश्यक प्रमुख साथी बना रहेगा जो शायद अगले कुछ महीनों या सालों तक रहने की भी पूरी संभावनाएं हैँ.