जारी है वीडियो वार। अबकी बार किसकी सरकार।

बी जे पी द्वारा जारी वीडिओ

↑       उत्तराखंड कांग्रेस का चुनावी कैंपेन अभियान व गीत “उत्तराखंडी स्वाभिमान, चार धाम – चार काम” का विमोचन..

उत्तराखंड विधानसभा के वर्तमान चुनाव पिछले चुनावों से बिल्कुल अलग माहौल में आयोजित किए जा रहे हैं। फिलहाल जब तक कोरोना संक्रमण की स्थिति सुधरती नहीं है तब तक सभी दलों और उम्मीदवारों के पास व्यक्तिगत जनसम्पर्क के अलावा प्रचार का कोई दूसरा चारा नहीं है। डिजिटल युग में बड़े राष्ट्रीय दल और यहाँ तक कि आम आदमी पार्टी भी लगातार वर्चुअल सभाएं कर जनता के सामने अपना अपना पक्ष रखने में कामयाब हो रहे हैं।  हर रोज कोई न कोई वीडियो सोशल मीडिया पर  अपलोड किया जा रहा है मगर साधनहीन उत्तराखंड क्रांतिदल इस मामले में काफी पीछे छूट गया लगता है और सिर्फ बैनर के सहारे चल रहा है। इसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल ने देहरादून पार्टी कार्यालय पर पार्टी के नये  वीडियो “चार धाम चार काम” का विमोचन किया हालांकि पार्टी इससे पहले भी तीन तिगाड़ा नाम से वीडिओ जारी कर चुकी है मगर लोकप्रियता के हिसाब से उसका कोई विशेष प्रभाव दिखाई नहीं दिया। अब देखना है कि ये गीत जनता के बीच कैसा प्रभाव डालता है। कोरोना संक्रमण की पीक का इंतजार करते इस कठिन समय में  सभी वरिष्ठ नेताओं के  इस कार्यक्रम में होने के बावजूद भी कोरोना गाइड लाइन का जमकर उल्लंघन दिखा और मात्र कुछ कर्मचारी ही मास्क का प्रयोग करते नजर आए। जहां तक भारतीय जनता पार्टी का सवाल है तो जनता की नब्ज पकड़ने में अपनी महारत के कारण  उसने भी “उत्तराखंड की पुकार, मोदी-धामी सरकार ” टाइटल से अपना वीडिओ जारी किया है।वीडिओ देख कर पार्टी की मंशा साफ साफ झलकती दिखायी दे रही है कि वह प्रदेश में भी मोदी के नाम का पूरा पूरा लाभ उठाना चाहती है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी “हम राजनीति करने नहीं राजनीति बदलने आए हैं”, इस नारे के साथ और नव परिवर्तन संवाद करते पार्टी  के सी एम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल प्रदेश के ऑटो, टैक्सी व मैक्स चालकों से वर्चुअल संवाद करते दिखायी दिए हैं जिसमें  वो उनसे कहते हैं कि उत्तराखंड की सरकार के कोई भी काम ऑटो, टैक्सी व मैक्स चालकों के बिना पूरे नहीं हो सकते, लेकिन अब ये सोचना होगा कि जिन सरकारों को आपने अभी तक पूरा योगदान दिया, उन्होंने आपके लिए क्या किया?” जहां तक उत्तराखंड क्रांति दल का मसला है तो ये साफ साफ दिखायी देता है कि उत्तराखंड राज्य की लड़ाई का योद्धा उत्तराखंड क्रांति दल इन चुनावों में साधनों के अभाव में वर्तमान लड़ाई में काफी पीछे छूट रहा है। जनता के बीच उसके प्रति दया का भाव तो है मगर  दुर्भाग्यवश ये दया उसके लिए दवा का काम नहीं कर पा रही है।

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