कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था पर नजर रखना भी ज़रूरी है…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेआज मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए हालात और अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा की जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के सकारात्मक परिणाम मिले हैं, हम पिछले 1.5 महीनों में हजारों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहे हैं.उन्होंने राय दी कि हमारा उद्देश्य तीव्र प्रतिक्रिया होना चाहिए और “दो गज दूरी, है जरूरी” के मंत्र का पालन करने की बहुत जरूरत है.प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि सबसे पहले रेड जोन को ऑरेंज जोन और अंत में ग्रीन जोन में बदलने के लिए राज्यों को पूरे प्रयास जारी रखने चाहिए.हमें बहादुर बनना होगा और ऐसे सुधार लाने होंगे जो आम नागरिकों के जीवन को छुएं.
प्राप्त सूचना के आधार पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तीन राज्य मणिपुर मेघालय और गोवा ने लॉकडाउन जारी रखने का सुझाव दिया. राज्यों ने लॉकडाउन के कारण अपनी बिगड़ती अर्थव्यवस्था का मुद्दा भी बैठक में रखा. ने कहा कि लॉकडाउन हटाने पर काफी सावधानियां बरतनी होंगी लेकिन आर्थिक गतिविधियां भी धीरे-धीरे चालू करनी होंगी. मुख्यमंत्रियों ने आर्थिक चुनौतियों को पूरा करने और स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को सुधारने और बढ़ाने के सुझाव भी दिए. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी आगे कुछ महीनों तक कोरोना वायरस का प्रभाव बना रहेगा और इसीलिए फ़ेस मास्क भी लोगों की ज़िंदगी का जरूरी हिस्सा बने रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था पर नजर रखना भी ज़रूरी है.अब संभावना यही है कि राज्यों से फीडबैक लेकर अब प्रधानमंत्री अपनी कैबिनेट से चर्चा करने के बाद ही 1 या 2 मई तक लॉकडाउन पर कोई निर्णय लेंगे.देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुयी इस कांफ्रेंस में केवल सात राज्यों को बोलने की अनुमति थी, शेष द्वारा लिखित में अपनी बात सरकार को भेजनी थी, इसी कारण केरल के मुख्य मंत्री विजयन ने राज्य के मुख्य सचिव को इस मीटिंग में भेजा था, कोरोना बचाव कार्यक्रमों के सम्बन्ध में केंद्र सरकार के साथ तनातनी में उलझी वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बैठक में मौजूद रही.उत्तराखंड के सी एम त्रिवेंद्र रावत, यू पी के योगी आदित्यनाथ,महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे,दिल्ली के सी एम अरविन्द केजरीवाल भी इस कांफ्रेंस में मौजूद रहे.

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