अमेरिकन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की काउंसिल ऑफ़ इकनॉमिक एडवाइज़र्स (आर्थिक सलाहकार परिषद) व्हाइट हाउस के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ जिम बेकर ने बहुत पहले ये कहा था कि चाहे परिवार हो , सरकार हो या फिर कारोबार हो इनमे बाद की दिक्कतों से बचने का सबसे उम्दा तरीका है कि लोग उसके लिए पहले से ही तैयार रहें.इसके लिए उन्होंने 5 P यानि ( Prior Preparation Prevents Poor Performance), के मॉडल को अपनाने पर जोर दिया था. आज के वक्त में उनकी इसी सलाह को बहुत लाभकारी और व्यावहारिक भी माना जा सकता है.इसका ताजा उदाहरण सिंगापुर है जिसने इसी 5 P सिद्धांत को अपने देश में अपनाकर कोरोना वायरस का मुकाबला अन्य देशो से बेहतर निपटाया है .साथ ही इसी सिद्धांत का पालन कर जर्मनी, दक्षिण कोरिया,हांगकांगऔर स्वीडन जैसे मज़बूत देशों को आज की तारीख में दूसरों से कम दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है.कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही देश में टेस्टिंग की संख्या बढ़Iने की सलाह दे चुके हैं. भारत में लॉक डाउन के कड़े उपाय से भले ही कोरोना को अभी तक ज्यादा फैलने और उसे महामारी का रूप लेने से रोक दिया है मगर लगभग 81% असंगठित क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था चरमरा उठी है..समझा यही जा रहा है कि भारत क्योंकि इस बीमारी के लिए पहले से तैयार नहीं था इसलिए भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी लचर व्यवस्था के बावजूद आज जरूरत है कि टेस्ट की संख्याओं में बड़ी वृद्धि की जांय. सरकार वैसे तो इस योजना को शुरू भी कर चुकी थी मगर चीन से आयातित टेस्टिंग किट की घटिया गुणवत्ता और इनके विवाद स्वरुप इसमें तेजी लाने के प्रयासों में बड़ी कामयाबी नहीं मिल रही है.इसलिए भविष्य की तैयारियों के लिए हमें भी 5Pसिद्धांत को अपनाना बहुत आवश्यक हो गया है ताकि हम अनिश्चतताओं भरे संकटों को समय पूर्व भांप सकें और तत्काल उन पर प्रभावी कार्यवाही कर सकें…