आखिर 6 महीने बाद भी क्यों नहीं चुना गया देश का चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ? नियुक्ति शर्तों में हुआ बदलाव…..

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत की 8 दिसम्बर 2021  में हेलिकाप्टर दुर्घटना  में हुयी दुखद मृत्यु के बाद आज तक सरकार उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति नहीं कर पाई है। भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की लड़ाकू क्षमताओं के बेहतर समन्वय, त्रि-सेवा प्रभावशीलता और समग्र एकीकरण में सुधार के उद्देश्य से बनाए गए इस पद पर नियुक्ति के लिए अब सरकार ने भारतीय सेना के तीनों अंगों के सेवा नियमों में भी परिवर्तन किया है। इस संबंध में 6 जून 2022 को जारी राजपत्र के अनुसार केंद्र सरकार, यदि जनहित में आवश्यक हो तो एक अधिकारी जो लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के रूप में सेवा कर रहा है या जो लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के पद से सेवानिवृत्त हो गया हो लेकिन 62 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं की हो, उसे सी डी एस पद पर नियुक्त कर सकती है। इसी तरह का संशोधन नौसेना और वायु सेना के सेवा नियमों में भी किया गया है कि इन अधिकारियों के समकक्ष इन दोनों सेनाओं के अधिकारी भी इस पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं। हालांकि इस बार के लिए इन शर्तों के आधार पर फिलहाल सेवानिवृत्त सेवा प्रमुखों को काफी हद तक खारिज कर दिया जा सकता है और निवर्तमान जनरल नरवणे इस दौड़ से लगभग बाहर हो गए हैं। हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के अनुसार नये सी डी एस की नियुक्ति जल्दी ही की जाएगी मगर सवाल यही है कि क्या पहले सी डी एस जनरल विपिन रावत की असामयिक मृत्यु के 6 महीने बीत जाने पर भी इतना महत्वपूर्ण पद अभी तक खाली क्यों है ? सी डी एस पर नियुक्ति में की जा रही यह देरी तमाम आशंकाओं को भी बल दे सकती है।  

 
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