प्रवासी मजदूरों के हित और उनकी सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को कोर्ट द्वारा निपटाने का हवाला देते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की सचिव प्रीती सूदन ने सभी प्रदेश सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं.कोर्ट ने निर्देश दिए है कि रिलीफ कैंप या शेल्टर होम में रखे हुए प्रवासी लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के अतिरिक्त भोजन,शुद्ध पानी और सेनिटेशन की सुविधाएँ उपलब्ध करने की व्यवस्था की जाय,पत्र में ये भी कहा गया है कि यह भी व्यवस्था की जाय कि सभी धर्मों से संबंधित प्रशिक्षित काउंसलर या सामुदायिक समूह के नेता राहत शिविरों / आश्रय घरों का दौरा करें जो वहां पर रह रहे लोगों में व्याप्त भय की मानसिकता से भी भी निपटें, उन्होंने आगे लिखा है कि प्रवासियों की चिंता और भय को पुलिस को समझना चाहिए और अन्य प्राधिकारियों सहित उन्हें प्रवासियों के साथ मानवीय व्यवहार करना सुनिश्चित करना चाहिए.राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों को प्रयास करना चाहिए कि इन कैंप में शुरू की गयी कल्याणकारी गतिविधियों की निगरानी के लिए पुलिस के साथ स्वयंसेवक भी हों जो वहां पर रह रहे लोगों की सहनशीतलता की सराहना करें और सभी गरीब प्रवासियों महिलाओं और बच्चों के साथ दयालुता से पेश आएं।