देहरादून/ मसूरी
गणेश प्रसाद कोठारी
पिछले एक माह के भीतर देश में कोरोना महामारी के जानलेवा प्रकोप से न जाने कितने मरीज बड़े बड़े नामधारी अस्पतालों में भी केवल ऑक्सीजन की कमी से मौत के शिकार हो चुके हैं. यहाँ तक कि कई परिवार बरबाद हो चुके हैं. हालात इतने नाजुक हो चुके थे कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक सरकारों पर बिफर पड़े थे तब ऑक्सीजन सिलिंडर की इस जानलेवा कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार को भारतीय वायुसेना के जहाजों से विदेशों से ऑक्सीजन संयत्र तक मंगाने पड़े इसके साथ ही दुनिया के कई देशों ने इसमें अपना अपना सहयोग कर इस बड़ी त्रासदी में भारत का साथ दिया है. कई स्वयंसेवी संस्थाएं,कई निजी संगठन और यहाँ तक कि कई दानवीरों ने अपने अपने स्तर पर इस कमी को पूरा करने में खुलकर सहयोग दिया फिर भी आज भी ऑक्सीजन का नाम सुनकर ही मरीजों और उनके परिवारों में दहशत पैदा हो जाती है. देश में अभी भी ऑक्सीजन की बड़ी किल्लत चल रही है और अभी भी ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी हो रही है जिससे पार पाना स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ा सर दर्द बना हुआ है.
मगर आज भारत में कोरोना मरीजों के लिए एक बड़ी खुशखबरी की खबर आयी है. भारत की रक्षा अनुसन्धान से जुडी डीआरडीओ और डॉक्टर रेड्डी लैब ने मिलकर 2 डीऑक्सी- डी- ग्लूकोज़ यानी 2 -DG नाम की एक एंटी कोविड दवा बना दी है जिस की पहली खेप रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को सौंप दी है. इस मौके पर एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया भी मौजूद थे. इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज ( INMAS )-डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने पिछले साल पहली लहर के आते ही अप्रैल में इस दवा के लैब ट्रायल्स शुरू किए थे जिसमें हैदराबाद के सेंटर फॉर सेलुलर एंड माइक्रो बॉयलॉजी लैब ने भी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की मदद की है.इस दौरान पाया गया कि ये 2-DG ड्रग कोरोना वायरस के ग्रोथ को रोकने में मददगार साबित हो सकती है. यह दवा कोविड के मरीज़ की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करती है. इस दवाई के तीन चरणों में किये गए ट्रायल के दौरान 2-DG दवा के 5.85 ग्राम के पाउच तैयार किए गए और फिर एक-एक पाउच दवा सुबह-शाम पानी में घोलकर मरीजों को दी गयी जिसके नतीजे काफी अच्छे आए. जिन मरीजों को ये दवा दी गई थी,उनमें तेजी से रिकवरी देखी गई. इसके उपरांत भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने भी इसके इमरजेंसी इस्तेमाल को मंज़ूरी दे दी है.इसलिए ये दवा फिलहाल अस्पतालों में डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाएगी और इसके बाज़ार में आने की संभावना नहीं है.यह पूरी तरह से भारत में विकसित पहली एंटी कोविड दवा भी बताई जा रही है.
Recently approved anti-COVID oral drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG), developed by @DRDO_India, will help patients recover faster! Watch to know more. #IndiaFightsCorona @PMOIndia @MoHFW_INDIA @drharshvardhan @PIB_India @MIB_India @PrakashJavdekar pic.twitter.com/wPqADAlkuP
— MyGovIndia (@mygovindia) May 11, 2021
बहरहाल भारत के वैज्ञानिकों की इस स्वदेशी खोज से कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण होने वाली ऑक्सीजन की कमी की भरपाई करने का दावा करने वाली 2 -DG दवा मरीजों के लिए एक वरदान साबित होने की संभावना है.जिसके लिए इस योजना से जुड़े सभी वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विषय में ट्वीट कर कहा है कि “इस 2-DG दवा को डीआरडीओ और डीआरएल ने बनाया है और यह भारत के वैज्ञानिक कौशल का उत्तम उदाहरण है और आत्म-निर्भरता की कोशिशों की दिशा में मील का पत्थर है.”