किसी की थाली न रहे खाली …..कोरोना प्रभावितों के लिए केंद्र की घोषणा ..1.7 लाख करोड़ का राहत पैकेज

 

 

 

 

 

 

आज कल मीडिया में रोजानाबड़ी चर्चाये हो रही हैं कि करोना महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा घोषित लॉक डाउन के कारण देश में करोड़ों मजदूर और गरीब परिवारों के सामने भूख से मरने की नौबत आ गयी है, लोग सडकों पर भूखे प्यासे बिना महामारी सुरक्षा साधनों के भटक रहे हैं . दिखाया जा रहा है कि बिहार के सैकड़ों लोग मुंबई से बिहार के लिए पैदल ही निकल गए हैं, इन लोगों में ज्यादा तर मजदूर लोग हैं जो रोज अपनी दैनिक कमाई से अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. परिवहन के साधनो की अनुलब्धता के कारण घबराहट में ऐसा कदम उठा रहे हैं . बार बार सोशल मीडिया में भी सरकारों पर सवाल उठाये जा रहे थे कि आखिर इन लोगों का क्या होगा? वायरस से तो बच जाएंगे मगर भूख से मरने से कौन बचाएगा ,ये सवाल सरकार के सामने सर उठा कर खड़ा था. कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना महामारी के संकट से प्रभावितों के लिए 1.7 लाख करोड़ की राहत योजना की घोषणा कर दी,जिसमे गरीब और मजदूर वर्ग का प्रमुख ध्यान रखा गया है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने तो सीधे शब्दों में बताया कि सरकार की पहली प्राथमिकता है कि इन विकट परिस्थियों में हर नागरिक का पेट भरे,किसी की भी थाली खाली न रहे. वास्तव में आज सबसे पहला काम भी यही है क्योंकि पेट की आग ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. अब इतने बड़े देश में ये योजना कितनी कारगर साबित होती है ये तभी पता चलेगा जब भूख से किसी के मरने का समाचार नहीं मिलेगा. क्योंकि जो भी करना है तुरंत करना है.

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