भले ही चीन दावा कर रहा हो कि उसने अपने देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में कामयाबी प्राप्त कर ली है,मगर कुछ दिनों पहले ही उसने वुहान में हुयी मौतों के आंकड़े बदल कर लगभग दुगने कर दिए हैं. असली सवाल फिर ये भी है कि जिस देश में पूरा मीडिया सरकार द्वारा नियंत्रित हो,उस देश से वास्तविक स्थिति का पता चलना कठिन ही है.संभव है कि कोरोना वायरस के चीन में पैदा होने की खबरों और लगभग एक महीने तक उस बीमारी को बाकी दुनिया से छुपाने के आरोपों के बीच चीन को आने वाले समय में अपने आर्थिक रूप से मजबूत साम्राज्य के ढहने की आशंका के कारण अपने देश में हुयी मौतों के आँकड़े छुपाने को विवश होना पड़ा हो. संभावना तो ये भी है कि इसी हड़बड़ी में उसने अपने देश में विशेष कर वुहान में कोरोना को नियंत्रित कर देने का ढोंग रचा हो ताकि विश्व में वह अपनी खोयी हुयी साख को बचा सके. पूरे यूरोप और अमेरिका में कोरोना के आतंक से घबराया जनमानस चीन के प्रति काफी ज्यादा आक्रोशित दिखाई देता है.अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तो चीन को धमकी भी दे दी है कि यदि कोरोना वायरस चीन द्वारा पैदा किया होने के सबूत मिल गए तो चीन को बहुत बुरा अंजाम भुगतना होगा. फिलहाल वर्त्तमान हालात में चीन तो स्वयं को मजबूत करने के रस्ते पर बढ़ चुका है,जबकि यूरोप और अमेरिका आज भी कोरोना का भयंकर प्रकोप झेल रहे हैं.रोज सैकड़ों लोगों की मौत की खबरें तो यही बता रही हैं कि कोरोना से लड़ाई अभी बहुत लम्बी चलने वाली है…