उत्तर भारत में बी जे पी की आंधी में चित्त- काँग्रेस को दक्षिण ने पहुंचाई ऑक्सीजन…….

 

          

कल चार राज्यों के विधान सभा चुनाव परिणाम घोषित हो गए हैं जिनमें तमाम ऐक्जिट पोल के नतीजों को धता बताते हुए बी जे पी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत प्राप्त कर काँग्रेस की दो राज्यों की सरकारों की विदाई तय कर दी। मगर  काँग्रेस के लिए  तेलंगाना की जीत ऑक्सीजन का काम कर गई जहां राहुल गांधी ने युवा नेता रेवंत रेड्डी के साथ अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।  राजनीतिक रूप में आगामी लोक सभा चुनाव में बी जे पी के लिए वैसे तो इस जीत का ज्यादा महत्व नहीं है क्योंकि इन तीनों राज्यों की कुल 65 लोकसभा सीट में बी जे पी  गठबंधन के पास 62 सीट पहले से मौजूद हैं। मगर इस जीत से मनोवैज्ञानिक रूप में बी जे पी अगले लोक सभा चुनाव में बढ़त पा सकती है।एक सोची समझी रणनीति के अनुसार  बी जे पी ने इन चुनावों को जिस प्रकार से मोदी बनाम कमलनाथ और मोदी बनाम अशोक गहलोत बना दिया उससे पार्टी को  इतनी बड़ी सफलता  मिल गई।  दूसरी ओर इन परिणामों ने बता दिया है कि  काँग्रेस को  मध्य प्रदेश में कमल नाथ जैसे चुके हुए कारतूस और दिग्विजय सिंह जैसे नकारे राजनेताओं के भरोसे सफलता मिलनी संभव नहीं है जो जनता से सीधे जुड़ाव की अपेक्षा सिर्फ गांधी परिवार से निकटता के कारण अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं। उसी प्रकार सचिन पायलट जैसे युवा कुशल संगठनकर्ता की उपेक्षा करके अशोक गहलोत जैसे बड़बोले और घमंडी नेता के नेतृत्व में मोदी का मुकाबला करना असंभव है।

जो भी हो बी जे पी के लिए इतनी बड़ी जीत उसके बेहद मजबूत संगठन, अगले पाँच साल मुफ़्त राशन योजना  और मोदी जैसे चमत्कारिक नेतृत्व के कारण ही नसीब हुई है। काँग्रेस की यह बड़ी हार INDIA गठबंधन के लिए भी  बहुत बड़ा सबक छोड़ गई कि यदि आगामी लोकसभा में उसे नरेंद्र मोदी के खिलाफ सफलता पानी है तो उसे अपनी रणनीति बदलनी होगी क्योंकि   इन चुनावों में सहयोगी दलों के प्रति  काँग्रेस का रवैय्या उचित नहीं था इसीलिए  गठबंधन के कई दल शायद काँग्रेस की इस पराजय पर खुशियां  भी मना रहे होंगे । काँग्रेस और INDIA गठबंधन एक मौका खो चुके हैं और भविष्य में भी यदि यही स्थितियाँ रही तो इस गठबंधन को सफलता मिलनी बहुत कठिन होगी। इसी के साथ बी जे पी को भी दक्षिणी राज्यों में नए सहयोगियों की जरूरत भी पड़ने वाली है क्योंकि तमिल नाडु ,केरल ,आंध्र प्रदेश ,कर्नाटक , तेलंगाना  की कुल 138 सीट मे से पिछले चुनावों में 31 सीट बी जे पी गठबंधन के पास थी जिनमें अकेले कर्नाटक से 26 सीट पर बी जे पी सफल हुई थी मगर आज वहाँ पर काँग्रेस सत्ता में है इसी प्रकार तेलंगाना में पिछले चुनाव में बी जे पी को कुल 17 मे 4 सीट पर जीत मिली थी मगर अब वहाँ पर भी काँग्रेस सत्ता में है।