उत्तराखंड में कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण का शुभारम्भ.18से 44 आयु वर्ग के 50 लाख नागरिकों को लगेंगे सुरक्षा टीके….नहीं करेंगे अब तीसरी लहर का इंतजार..

उत्तराखंड में टीकाकरण के तीसरे चरण का शुभारम्भ .18से 44 आयु वर्ग के 50 लाख नागरिकों को लगेंगे सुरक्षा टीके..

टीकों की व्यवस्था में जुटी उत्तराखंड सरकार…. टीकों की आपूर्ति के लिए हो रहा ग्लोबल टेंडर… करना पड़ सकता हैं इंतज़ार 

देहरादून/मसूरी

19 अप्रैल 2021 को नरेन्द्र मोदी सरकार ने जब यह निर्णय लिया था कि राष्ट्रीय कोविड-19 टीका करण अभियान के तीसरे चरण में 1 मई, 2021 से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को भी कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार पिछले एक साल से लगातार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक भारतीयों को कोविड-19 का टीका लगाया जा सके. उन्होंने ये भी कहा था कि भारत विश्व रिकॉर्ड की गति से लोगों का टीका करण कर रहा है और हम आने वाले समय में इस टीका करण अभियान को और अधिक तीव्र गति के साथ जारी रखेंगे साथ ही पहले और दूसरे चरणों में शुरूकिये गए टीकाकरण अभियान में उच्च प्राथमिकता वाले समूह जैसे Health care worker, Front Line worker और 45 वर्ष से अधिक आयु के जिन लाभार्थियों की दूसरी खुराक बकाया है, उन्हें टीका करण कार्यक्रम में प्राथमिकता दी जाएगी और ये सभी पहले की तरह ही निःशुल्क रहेगा. पहले और दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के बीच में ही केंद्र सरकार के निर्णयों के अनुसार राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तीसरे चरण की शुरुआत 1 मई, 2021 से प्रभावी भी हो चुकी है जिसमें 18 से 45आयु वर्ग के नागरिकों को भी टीके की खुराक देने का फैसला लिया गया है.

केंद्र सरकार के इस निर्णय के आधार पर  उत्तराखंड सरकार ने भी इस उम्र के 50 लाख लोगों को मुफ्त टीका लगाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया  जिसके सारे खर्चे लगभग 400करोड़ रुपये को सरकार द्वारा स्वयं वहन करने की सीएम तीरथ सिंह रावत द्वारा घोषणा भी कर दी गयी है कि सरकारी के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी यह सुविधा निशुल्क दी जाएगी और इसकी एवज में पैसा नहीं लिया जाएगा.घोषणा के अनुसार ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 10 मई से इसकी विधिवत शुरुआत भी कर दी है इसके लिए प्रदेश सरकार को पिछले रवि वार को केंद्र से 1 लाख कोविशील्ड खुराकें भी मिल चुकी हैं जिसमें पहले ही दिन प्रदेश में 14216 खुराकें दी गयी.सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इस आयु वर्ग में आज तक107085 लोग इसका लाभ भी ले चुके हैं.यदि सही आकलन किया जाय तो राज्य को केवल इसी आयु वर्ग के लोगों के लिए 1.10 करोड़ टीके की खुराकों की जरूरत पड़ेगी जबकि सी एम तीरथ सिंह रावत के अनुसार राज्य के पास फिलहाल तीन लाख खुराकें उपलब्ध थी और जल्दी ही उसे कोवाक्सिन की आपूर्ति मिलने की संभावनाएं हैं.वैक्सीन सप्लाई में होने वाली देरी के विषय में मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि देश की दवा कंपनियों में इस महीने कुल 8 करोड़ और अगले महीने 9 करोड़ वैक्सीन खुराक तैयार किए जाएंगे जिसमें केंद्र के द्वारा तय आबंटन नीति के अनुसार उत्तराखंड को आवंटित 1% हिस्से को देखते हुए दो महीनों में हम 17 लाख खुराक की उम्मीद कर सकते हैं जो मांग और जरूरत के हिसाब से काफी कम है और क्योंकि केंद्र द्वारा राज्य से उन लोगों को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है जिन्हें  दूसरी खुराक की आवश्यकता है इसलिए हमें उन लाभार्थियों के लिए 70%  खुराक आरक्षित करने होंगे. नतीजतन 18-44 आयु वर्ग के लिए बहुत सीमित संख्या में टीके उपलब्ध हो पाएंगे. इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने केंद्र के निर्देशानुसार खुद वैक्सीन आयात करने का फैसला लिया है. ज्ञातव्य है कि कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण (18-45) का एलान करते समय केंद्र सरकार ने राज्यों को वैक्सीन निर्माता कंपनियों से सीधे वैक्सीन खरीदने के अधिकार दे दिए थे. उत्तराखंड सरकार ने अगले दो महीनों में रूस द्वारा विकसित वैक्सीन स्पूतनिक की 20 लाख खुराक आयात करने का फैसला किया है और इस  ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जुगल किशोर पंत की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने ये भी कहा कि उत्तराखंड को अपने हिस्से से अधिक आवंटित करने के लिए राज्य सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के संपर्क में भी है.

कोरोना से जंग में सबसे कारगर हथियार माने जा रहे इस टीकाकरण को लेकर लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है. वैक्सीन की कमी होने पर बेबस सरकार इस वर्ष के अंत तक सभी नागरिकों के टीकाकरण का दावा तो कर रही है तो दूसरी ओर दो खुराक लगवाने के बीच के समय को 4 हफ्ते से बढाकर 90दिन कर दिया गया है. उत्तराखंड में  सरकार टीका लगवाने के लिए ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन और टाइम स्लॉट बुकिंग को अनिवार्य कर चुकी है विशेष कर 18 से 45 आयु वर्ग के लिए. जिसके लिए हर जरूरत मंद को टीका लगवाने के एक दिन पहले शाम 4बजे से ये सुविधा उपलब्ध करवाने का दावा तो जरूर है मगर सबसे बड़ी दिक्कत और हैरानी ये है कि ठीक चार बजे विंडो खुलते ही सभी टीकाकरण केंद्रों पर एक साथ स्लॉट भर जाने का सन्देश सामने आ जाता है जिसे देखते हुए लोगों में ये धारणा बननी शुरू हो चुकी है कि राज्य में टीकों की कमी के कारण सरकार तकनीक के नाम पर ये खेल खेल रही है जिससे सरकार के प्रति असंतोष सुलगने लगा है. लोगों में ऐसी धारणा बनने की कुछ वजहें भी नजर आने लगी है. उदाहरण के लिए देहरादून जिले के नगर निगम क्षेत्र की तो छोड़ दीजिये यहाँ चकराता जैसे दूरस्थ क्षेत्र में 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था है,विकासनगर और ऋषिकेश में भी शुरू हो चुकी है मगर मसूरी जैसे विशिष्ट शहर के लोगों के लिए अभी ये सुविधा उपलब्ध नहीं की गयी है और ये हालात तब हैं जब यहां के विधायक और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी देहरादून जिले के ही कोविड प्रभारी मंत्री भी हैं.इसलिए सरकार को पूरी गंभीरता और जिम्मेदारियों तथा पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ना होगा.बिना तीसरी लहर के इंतजार में बैठे.

 

गणेश प्रसाद कोठारी

प्रधान संपादक की कलम से…

 

 

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