अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर शुरू हुयी “श्रमिक ट्रेन.”..प्रवासी मजदूर लौटने लगे अपने घर…..केंद्र सरकार का नया फैसला….

               

      अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की सभी कामगारों को शुभकामनाएं …………………..        

                लॉक आउट एग्जिट स्कीम के अंतर्गत देश भर में दूसरे राज्यों में फँसे आप्रवासी मज़दूरों को उनके घर पंहुचाने के सम्बन्ध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के कल के आदेश जिस में कि सिर्फ सड़क मार्ग से बसों के ज़रिए ही सभी को लाने ले जाने की अनुमति दी गयी थी मगर तेलंगाना सरकार के विशेष आग्रह पर आज सुबह ही एक स्पेशल ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया के लिए चलाने की अनुमति दे दी गयी. आज सुबह 24 कोच की यह स्पेशल स्लीपर ट्रेन 1200लोगों के साथ सुबह 4: 50 बजे रवाना हुयी.रेलवे सूत्रों के अनुसार  हर कोच में 72 की जगह 50 लोग बैठने की ही अनुमति थी. कोच में सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने के लिए बीच की बर्थ भी हटा दी गयी थी. इस दौरान सारी सावधानियां बरती गयी .ट्रेन और यात्रियों की पूरी तरह से स्क्रीनिंग की गई, स्टेशन और ट्रेन दोनों जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया.फ़िलहाल अभी तक ऐसी केवल एक ही ट्रेन चलाई गई है मगर गृह मंत्रालय द्वारा दो दिन के ही भीतर आपदा प्रबंधन अधिनियम में किये गए इस संशोधित आदेश के बाद अब यह निर्णय लिया गया है कि रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों के लिए भी स्पेशल ट्रेन चलाएगी जिनको आज अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिक ट्रेन नाम दिया गया और आगे की श्रमिक ट्रेनें रेल मंत्रालय के आदेश पर ही चलाई जाएंगी, लेकिन इसके लिए दोनों जगहों की राज्य सरकारों के बीच तालमेल की ज़रूरत होगी जिसके लिए रेलवे भी एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगा.रेलवे ने आज फ़िलहाल 5 और श्रमिक ट्रेन चलाने की व्यवस्था की है

1.अलूवा (केरल) से भुवनेश्वर

2.नासिक से लखनऊ

3.नासिक से भोपाल

4.जयपुर से पटना

5.कोटा से हटिया

             ज्ञातव्य है कि राजस्थान, झारखंड, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों ने प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध किया था। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तो यहाँ तक कह दिया था कि सड़क मार्ग से झारखण्ड के मजदूरों को घर लौटने में 6 महीने लग जाएंगे इसलिए केंद्र सरकार को ट्रेन की व्यवस्था करनी चाहिए.
            सरकारी सूत्रों ने बताया कि स्पेशल ट्रेन के लिए मुख्यमंत्रियों के अनुरोध पर  रेलवे एक सूची तैयार कर चुका है तथा अलग अलग दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे और लॉक डाउन में फंसे मजदूरों तथा अन्य प्रवासियों को लाने के लिए ये ट्रेनें लगातार चलाई जाएंगी।अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर प्रवासी मजदूरों में अपने घर लौटने की कोई आशा तो जगी है.

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