जनता के नेतृत्व में लड़ी जा रही है कोरोना के खिलाफ जंग….मोदी….मन की बात

मसूरी

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 के खिलाफ भारत में जारी जंग में जन-जन इस लड़ाई में सिपाही बनकर इसका नेतृत्व कर रहा है। यह लड़ाई पूरी तरह से ‘जन-प्रेरित’(पीपल ड्रिवेन) है.आज रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने कहा, आज लोग एक दूसरे की मदद करने के लिए तन मन धन से आगे आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत गरीबों के खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किये हैं गरीबों को तीन महीने मुफ्त गैस सिलिंडर,राशन जैसी सुविधाएँ दी हैं देश के हर हिस्से में दवाइयां पंहुचाने के लिए लाइफ लाइन उड़ान नाम से एक विशेष अभियान चल रहा है, इन्होने इतने कम समय में तीन लाख किलोमीटर उड़ान भरकर देश के कोने कोने में करीब 500 टन से अधिक मेडिकल सामग्री बांटी है. इसी तरह सिविल एविएशन और रेलवे के साथी भी इस लॉक डाउन में बेहतर सहयोग दे रहे हैं ताकि देश के आम लोगों को जरूरी वस्तुओं की कमी न हो. उन्होंने कहा कि आज हमारे बिज़नेस, हमारे दफ्तर, हमारे शिक्षण संस्थान, हमारे मेडिकल सेक्टर हर कोई तेजी से नए बदलावों की तरफ बढ़ रहे हैं, टेक्नोलॉजी के फ्रंट पर तो तो ऐसा लग रहा है कि हर इन्नोवेटर नयी परिस्थितियों के मुताबिक कुछ ना कुछ नया निर्माण कर रहा है. उन्होंने कहा कि पिछली बार जब रमजान मनाया गया था तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस बार रमजान में इतनी बड़ी मुसीबतों का भी सामना करना पड़ेगा इसलिए इस बार हम पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाय और हम पहले की तरह उमंग और उत्साह के साथ ईद मनाएं . उन्होंने कहा कि मैं उन सभी कम्युनिटी लीडर के प्रति भी आभार प्रकट करता हूँ जो दो गज दूरी और घर से बाहर नहीं निकलने को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज अक्षय त्रितया का दिन भी है जो हमें यह याद दिलाता है कि चाहे कितनी कठिनाइयां रास्ता रोकें, चाहे कितनी भी आपदाएं आएं, चाहे कितनी भी बीमारियों का सामना करना पड़े, इनसे लड़ने और जूझने की मानवीय भावनाएं अक्षय हैं.उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टन्सिंग बेहद जरूरी है और मास्क का प्रयोग अवश्य करना चाहिए.मास्क के प्रति अब बीमारी वाली धारणा बदल गयी है आप देखना कि मास्क अब सभ्य समाज का प्रतीक बन जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें प्रवृत्ति,विकृति और संस्कृति में संस्कृति को चुना है इसीलिए दूसरे ज्यादा जरूरतमंद देशों को दवाइयां भी सप्लाई की हैं जब दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष फ़ोन पर कहते हैं  Thank you India and Thank You Indian People तो देश के लिए गर्व और बढ़ जाता है.उन्होंने किसानो को धन्यवाद कहा कि इन विपरीत परिस्थितियों में भी वो खेतों में अनाज उगाने में लगे है ताकि देश में खाद्यानों की कमी की वजह से कोई भूखा न रहे ,स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए सख्त क़ानून बना दिया, उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों की सेवा भाव को देख कर आज लोगों में पुलिस के प्रति भावनाएं ही बदल गयी हैं . उन्होंने आग्रह कर कहा कि हम कतई आत्म विश्वास में न फंस जांय,हम ऐसा विचार न पाल लें कि हमारे शहर, हमारे गांव में, हमारी गली में, हमारे दफ्तर में अभी तक कोरोना पंहुचा नहीं है इसलिए अब पंहुचने वाला भी नहीं है देखिये ऐसी गलती कभी मत पालना दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ कह रहा है और हमारे यहाँ तो बार बार कहा जाता है कि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी. उन्होंने कहा कि हम भारत में हमेशा से जानते थे कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गलत है। फिर भी, यह सार्वजनिक स्थानों पर भी जारी रहा।अब यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा समय है कि हम थूकें नहीं।यह बुनियादी स्वच्छता को बढ़ाएगा और COVID-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करेगा।

 

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