1.गुरु के ख़ास.. अब चेले के पास…2. कौन सही होगा सलाहकार ? चापलूसी वाला या सही गलत बताने वाला? निर्णय आपका

उत्तराखंड

कल तक मुख्य सूचना आयुक्त.. आज मुखिया के मुख्य सलाहकार…

राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त पद से आईएएस और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के इस्तीफे की खबर लोगों तक ठीक से पंहुची भी नहीं कि आज मुख्य मंत्री तीरथ सिंह रावत ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त करने के आदेश भी जारी कर दिए जिसकी पहले से ही पूरी संभावनाएं थी कि नयी सरकार में उनको महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को मिल सकती है. ज्ञातव्य है कि शत्रुघ्न सिंह अटल विहारी वाजपेयी के भी बेहद विश्वस्त अधिकारी थे इसीलिए 2002 में अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा जबरदस्ती मूर्तिस्थापना के निर्णय के विवाद को सुलझाने के लिए शत्रुघ्न सिंह को ही जिम्मेदारी दी थी और उसे सुलझाने में वो कामयाब भी हुए थे.आज उत्तराखंड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के राजनीतिक गुरु बी सी खंडूरी की सरकार में भी वे उनके प्रमुख सचिव के तौर पर सबसे ताकतवर और प्रभावशाली अधिकारी के रूप में  काम करते थे और उन की छवि एक कर्मठ और योग्य अधिकारी की रही है. साथ ही उनको प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव पद के साथ केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में भी पांच साल काम करने का लम्बा अनुभव है. जैसा कि उत्तराखंड में सरकारों पर आरोप लगते रहे है कि यहाँ पर सरकार का नौकरशाही पर नियंत्रण नहीं होता. बार बार और हर सरकार में मंत्रियों और विधायकों की यही बड़ी शिकायत रहती आयी है कि नौकरशाही उनकी नहीं सुनती. तीरथ सिंह रावत ने शत्रुघ्न सिंह को इन्ही उम्मीदों के साथ अपनी टीम में बेहद महत्वपूर्ण स्थान दे दिया है क्योंकि उनकी मदद से ब्यूरोक्रेसी की हर गतिविधि पर सीधी नजर रखी जा सकती है. ताजा सूचना के अनुसार शत्रुघ्न सिंह ने आज अपना नया कार्य भार भी संभल लिया है.

कुर्सी संभालने से पहले ही निकल गयी कुर्सी…

महान संत कबीर ने क्या खूब लिखा था..

निंदक नियरे राखिये, आँगन कुटी छवाये।
बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुहाए ।

कबीर के इसी दोहे के सन्दर्भ में दिनेश मानसेरा एक अनजान सा नाम आजकल काफी चर्चा में छाया रहा.विशेषकर मीडिया में. परसों ही तो मुख्य मंत्री तीरथ सिंह रावत ने उन्हें अपना मीडिया सलाहकार नियुक्त करने के आदेश जारी किये थे और आज उसी आदेश को रद्द करने की कार्यवाही भी हो गयी. परसों ND TV के पत्रकार दिनेश मानसेरा की नियुक्ति की खबर सुनते हीभले ही पत्रकार जगत में खुशियाँ छाई रही वहीं संगठन और सरकार में खासी चर्चाये और नाराजगी भी शुरू हो गयी थी. कारण था ट्विटर पर मानसेरा के पिछले ट्वीट जिनमें मोदी, शाह, नड्ढा पर तीर की तरह चलाये उनके ट्वीट और विपक्षी दलों के नेताओं के साथ उनके फोटो सत्ताधीशों को चुभने लगे. यहाँ तक कि तीरथ सिंह रावत को बिना MLA के भी सी एम बनाने के बी जे पी नेतृत्व के खिलाफ उनके ट्वीट ने तो बना बनाया खेल ही ख़त्म कर दिया. भले ही मानसेरा ने अपने पुराने सभी ट्वीट डिलीट भी कर दिए मगर राजनीति की कुटिल चालों और चालबाजों से पार न पा सके और प्रदेश के सी एम के मीडिया सलाहकार बस एक दिन के लिए मीडिया तक ही सीमित रह गए और सत्ता के शिखर पर बैठे मुख्यमंत्री को सलाह देने से वंचित कर दिए गए. एक अच्छे पत्रकार के रूप में निभाया दिनेश मानसेरा का काम ही आज उनका काम बिगाड़ गया.आज दिनेश मानसेरा ने भी फेसबुक पर अपना दर्द बयान करते हुए तीरथ सिंह रावत को एक सीधा सच्चा व्यक्ति बताया और खुद ही इस नियुक्ति को अस्वीकार कर दिया.

 

 

 

 

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